केरल में भारी बारिश और भूस्खलन के चलते मरनेवालों की संख्या बढ़कर 26 हो गई है। जिसके बाद राज्य के 22 बांध खोल दिए गए हैं। लगातार बारिश के चलते शुकवार की सुबह इडुक्की जलाश के पांच में से दो और फाटक खोल दिए गए हैं। इससे पहले, केरल के अलग-अलग हिस्सों में गुरुवार तड़के भारी बारिश और भूस्खलन के चलते कम से कम 22 लोगों की मौत हो गई। मरने वालों में इडुक्की जिले के 11, मलप्पुरम जिले के पांच, वायनाड के तीन, कन्नूर के दो और कोझिकोड के एक व्यक्ति शामिल हैं। यह जानकारी केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी। गृह मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार, राहत एवं बचाव अभियान में मदद के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की चार टीमें चेन्नई से केरल के लिए रवाना की गई हैं। प्रत्येक टीम में 45 कर्मी हैं। केंद्र सरकार का अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय दल भी केरल में प्रभावित इलाकों का दौरा किया, जबकि बेंगलुरु से सेना को बारिश से प्रभावित इलाकों में भेजा गया। इस बीच मुख्यमंत्री पिनारई विजयन ने आपात बैठक बुलाई और राज्य में बचाव अभियान से संबंधित निर्देश दिए।
शिवसेना सरकार को तुरंत क्यों नहीं छोड़ देती है अगर ऐसा लगता है कि चौकीदार एक चोर है,”। अखबार ने कहा, “शिवसेना ने सत्ता छोड़ने का इरादा नहीं किया है और न ही ऐसा करने की हिम्मत है। शिवसेना के बीच एक बड़ा अंतर है बालासाहेब ठाकरे और आज के शिवसेना में ।”
मौलाना आजाद किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। देश के विभाजन के मुखर विरोधी आजाद ने अल हिलाल नाम से पत्रिका शुरू किया जिसमें औपनिवेशिक शासन पर जमकर प्रहार किया गया। आजादी के बाद वह देश के पहले शिक्षा मंत्री बनें और उनके जन्म दिन को अब राष्ट्रीय शिक्षा दिवस के रूप में मनाया जाता है। उनके ही कार्यकाल में खड़गपुर में देश की पहली आईआईटी की स्थापना हुई आचार्य कृपलानी ने चंपारण सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी का नेतृत्व स्वीकार किया था। आजादी के बाद उन्होंने कांग्रेस छोड़कर किसान मजदूर प्रजा पार्टी का गठन किया था जिसका बाद में सोशलिस्ट पार्टी में विलय होकर प्रजा सोशलिस्ट पार्टी बनी। आचार्य कृपलानी ने उस समय इतिहास रचा था जब 1963 में पंडित जवाहर लाल नेहरू सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। यह प्रस्ताव चीन के हाथों भारत की करारी हार के मद्देनजर लाया गया था। हमारे पहले प्रधान मंत्री और तत्कालीन रक्षामंत्री श्री वी.के.कृष्ण मेनन पर युद्ध की उचित तैयारी नहीं करने का दोषी ठहराया गया था। उन्होंने इमर्जेंसी का भी खुलकर विरोध किया था। वह गांधीजी द्वारा स्थापि...
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